खुनौली गाँव के पहले सेना अधिकारी बने अमित, तीसरी पीढ़ी ने आगे बढ़ाई देशसेवा की परंपरा

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बागेश्वर। बागेश्वर जिले के खुनौली गाँव के तल्ला सन्युड़ा निवासी अमित कांडपाल ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून में आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड के बाद जैसे ही अमित सेना में अधिकारी बने, उनके पैतृक गाँव खुनौली में जश्न का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बांटकर और एक-दूसरे को बधाइयाँ देकर अपनी खुशी जाहिर की।

इस गौरवपूर्ण क्षण ने पूरे परिवार को भावुक कर दिया, जब लेफ्टिनेंट अमित कांडपाल के कंधों पर अधिकारी के स्टार स्वयं उनके पिता सूबेदार मेजर किशोर कांडपाल और माता हेमा कांडपाल ने सजाए। एक पिता का सेना में रहते हुए बेटे को अधिकारी बनते देखना पूरे समारोह का सबसे भावुक और प्रेरणादायक पल रहा। सेना की परंपरा, अनुशासन और सेवा भाव का यह दृश्य हर किसी के लिए गर्व का विषय बना।

अमित कांडपाल की शैक्षिक यात्रा भी प्रेरणादायक रही है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल, धौलाकुआँ (दिल्ली) से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद अमित ने कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा की तैयारी की और जालंधर से यह प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण कर सेना में अधिकारी बनने का सपना साकार किया।

सीडीएस में सफलता के बाद अमित ने बीते डेढ़ वर्ष तक आईएमए देहरादून में कठिन सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक रूप से खुद को एक जिम्मेदार सैन्य अधिकारी के रूप में तैयार किया। शनिवार को पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें भारतीय सेना की प्रतिष्ठित 20 सिख रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनाती मिली है, जिसे लेकर परिवार और क्षेत्र में खासा उत्साह है।

अमित कांडपाल का परिवार पहले से ही देशसेवा की परंपरा से जुड़ा रहा है। उनके ताऊ अधिवक्ता गिरीश कांडपाल ने बताया कि अमित के दादाजी स्वर्गीय पदमादत्त कांडपाल और पिता किशोर कांडपाल दोनों ने सेना में अपनी सेवाएं दी हैं। अब अमित ने तीसरी पीढ़ी के रूप में सेना में अधिकारी बनकर इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया है।

ग्राम प्रधान जया देवी ने बताया कि अमित खुनौली गाँव से सेना में अधिकारी बनने वाले पहले युवा हैं। उनकी इस उपलब्धि पर दीपा देवी, चंद्रशेखर कांडपाल, कृष्ण कौल कांडपाल, डॉ. केवलानंद कांडपाल, गणेश कांडपाल, महेश कांडपाल, लक्ष्मीदत्त कांडपाल सहित पूरे गाँव ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।

अमित की यह सफलता क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई है। ग्रामीणों का कहना है कि अमित ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, अनुशासन और लगन से पहाड़ के युवा भी देश की सेवा में उच्च मुकाम हासिल कर सकते हैं।

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