Bageshwar news: हाई कोर्ट की सख्ती, 124 मशीन सीज, खनन पर लगी रोक

Ban on chalk mining in Bageshwar after High Court order
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बागेश्वर: पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जिले की पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। पुलिस ने 24 घंटों के भीतर खनन कार्य में लगीं 124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनों को सीज कर दिया है। वहीं मशीन स्वामियों ने खुद भी मशीनों की चाबियां चौकियों और थानों में जमा करवा दी हैं। सभी खड़िया खदानों में सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस ने सभी खान संचालकों को नियम का पालन करने की हिदायत दी है।

जिले में सात जनवरी से खड़िया खनन पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार की शाम से पुलिस ने जगह-जगह बैरियर भी लगा दिए है। ताकि खड़िया के ट्रक वाहन नहीं जा सके। पुलिस ने खड़िया खानों में लगी पोकलैंड और जेसीबी मशीनों को सीज करना शुरू कर दिया था। मशीनों में नोटिस भी लगाए गए। नोटिस मिलते ही मशीन संचालक रीमा पुलिस चौकी, कांडा पुलिस चौकी और कोतवाली में चाबियां जमा करने पहुंचने लगे। रीमा चौकी में सबसे अधिक 52 चाबियां जमा हुई जबकि पूरे जिले में 124 मशीनों के पहिये थम गए। वर्तमान में जिले की खड़िया खानों से कई कुंतल खड़िया खुदी है। इसकी निकासी पर भी फिलहाल रोक लगी है।

124 पोकलैंड और जेसीबी सीज

वही पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद 124 पोकलैंड और जेसीबी सीज कर दी हैं। इनकी चाबियां पुलिस के पास जमा हैं। खनन कार्य पूरी तरह बंद है। जो खड़िया खुदी है उसकी निकासी फिलहाल बंद है। ट्रकों की जांच के लिए पुलिस बैरियर चना दिए हैं। ताकि डंप किया गया खड़िया बाहर न जा सके। खान संचालकों को नियम का पालन करने के निर्देश दिए हैं। जो उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

वही सवाल संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कृषक ने बताया कि उच्च न्यायालय ने बागेश्वर में खड़िया खनन बंद करने के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि पूरा जिला तबाही के कगार पर खड़ा है। खड़िया खनन अवैध तरीके से हो रहा है। स्थानीय लोगो की जल,जंगल और जमीन पूरी तरह से नष्ट हो गई है। उच्च न्यायालय ने स्वत संज्ञान लिया है। ग्रामीणों की समस्या ना जिला प्रशासन सुन रहा था ना उत्तराखंड सरकार। ग्रामीणों को अब जाकर न्याय मिला है।

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