उत्तराखंड। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन के तहत हैंडलिंग, रिसाइकिलिंग, और प्री-प्रोसेसिंग कार्यों के लिए कौशल विकास और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संभावित खतरनाक अपशिष्ट दूषित स्थलों के आंकलन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं मेडिकल वेस्ट डिस्पॉजल की पुख्ता व्यवस्था के निर्देश भी दिए। सरकारी विभागों को इस सम्बन्ध में लापरवाही ना करने की सख्त हिदायत दी गई है।
बैठक में मुख्य सचिव ने स्वच्छता कर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता, ठोस अपशिष्ट संग्रहण, भंडारण, परिवहन, और प्रसंस्करण के लिए बुनियादी सुविधाओं की तैयारी पर जोर दिया। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट और औद्योगिक इकाईयों के निरीक्षण के साथ-साथ बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए प्रभावी सर्विलेंस सिस्टम के निर्देश दिए गए। निर्माण और धवस्तीकरण अपशिष्ट की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना, अपग्रेडेशन और वायु प्रदूषण के नियंत्रण हेतु एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग नेटवर्क को मजबूत करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए।