देहरादून के पर्वतारोही आशीष नेगी ने फहराया तिरंगा, 6378 मीटर ऊंची चोटी पर रचा इतिहास

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उत्तराखंड। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के पर्वतारोहण इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा चयनित पर्वतारोहियों और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के संयुक्त 13 सदस्यीय दल ने उत्तरकाशी जिले की प्रसिद्ध बंदरपूँछ पर्वत श्रृंखला में स्थित काला नाग शिखर (ऊँचाई 6378 मीटर) को सफलतापूर्वक फतह कर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। यह इस वर्ष इस शिखर पर हुआ दूसरा सफल आरोहण है।

इस गौरवशाली दल में देहरादून के पर्वतारोही श्री आशिष नेगी (पुत्र श्री पूरन सिंह नेगी, ग्राम बोहा, चकराता, विकासनगर) ने विशेष भूमिका निभाई। कठिन मौसम परिस्थितियों और ऊँचाई की चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी उत्कृष्ट पर्वतारोहण क्षमता और साहस से दल को नई ऊर्जा प्रदान की। श्री नेगी ने 12 अक्टूबर की सुबह टीम के साथ शिखर पर पहुँचकर तिरंगा फहराया और उत्तराखंड का मान बढ़ाया।

श्री आशिष नेगी ने नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (NIM), उत्तरकाशी से Basic Mountaineering Course (BMC), Advanced Mountaineering Course (AMC) और Search and Rescue (SNR) कोर्स सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। उनका यह अनुभव अभियान के दौरान अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ।

श्री नेगी The Dream Treks के सह-संस्थापक (Co-founder) एवं Technical & Rescue Head हैं। यह कंपनी उनके बड़े भाई श्री दिव्यम नेगी द्वारा स्थापित की गई है, जो आज भारत की प्रमुख ट्रेकिंग एवं एडवेंचर कंपनियों में गिनी जाती है। The Dream Treks पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, कैंपिंग और चारधाम यात्रा जैसी साहसिक सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है। हाल ही में इस कंपनी ने Snow Hikers (संस्थापक — श्री दीपक चौहान, ग्राम गंगाड़, सांकरी, उत्तरकाशी) के साथ मिलकर कई अभियानों में सफलता हासिल की है।

इस सफल अभियान का उद्देश्य उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन और पर्वतारोहण गतिविधियों को प्रोत्साहित करना था। प्रदेश सरकार की पहल के तहत यह प्रयास राज्य को साहसिक खेलों की राजधानी के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में एक अहम कदम है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, मणिपुर और पश्चिम बंगाल के पर्वतारोही इस दल का हिस्सा रहे। सभी सदस्य सफलता के बाद सकुशल बेस कैंप लौटे।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने दल के सभी सदस्यों को बधाई दी और कहा कि “इस तरह की सफलताएँ उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन के मानचित्र पर नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेंगी। श्री आशिष नेगी की यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी समर्पण भावना, तकनीकी दक्षता और टीम भावना ने यह साबित किया कि अगर लगन और साहस हो, तो हिमालय की ऊँचाइयाँ भी झुका दी जा सकती हैं।

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