कुमाऊंनी भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने की मांग तेज

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बागेश्वर: राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा, सांस्कृतिक एवं साहित्य प्रचार समिति की प्रेस क्लब सभागार में हुई बैठक में कुमाऊंनी भाषा के संरक्षण और संवर्द्धन पर विस्तार से चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि भाषा किसी भी समाज की पहचान होती है, इसलिए इसे शिक्षा और संस्कृति दोनों स्तरों पर बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। बैठक में कुमाऊंनी भाषा को भारत की संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को मजबूती से उठाया गया। साथ ही निजी स्कूलों में भी कुमाऊंनी भाषा से जुड़ी गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दिया गया। समिति ने कपकोट के लिए चरण सिंह बघरी और बागेश्वर के लिए केशवानंद जोशी को संयोजक नियुक्त किया। वक्ताओं ने लोगों से अपील की कि वे बोलचाल और दैनिक जीवन में कुमाउंनी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग करें ताकि नई पीढ़ी में इसके प्रति लगाव और गौरव की भावना विकसित हो सके।

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