किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए औषधीय पौध उत्पादन लाभदायक: जिलाधिकारी

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बागेश्वर। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने जिले के किसानों को औषधीय और सगंध पौधों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया है। विकासभवन में आयोजित एक दिवसीय संवाद कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र औषधीय पौधों के उत्पादन के लिए अनुकूल है और इससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।

गोष्ठी में किसानों को रोजमेरी और जड़ी-बूटियों के उत्पादन के लिए प्रेरित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यह खेती न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने मार्केटिंग की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया और सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दें।

गोष्ठी के दौरान जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की कि वे वैल्यू-एडिशन पर ध्यान दें और कॉस्मेटिक तथा मेडिकल इंडस्ट्री में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए औषधीय पौधों की खेती को प्राथमिकता दें।

मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि सरकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है। सीमैप के सीनियर टैक्निकल ऑफिसर प्रबल वर्मा ने भी औषधीय पौधों के प्रसंस्करण और भंडारण की तकनीकों पर जानकारी साझा की।

इस दौरान बदियाकोट की प्रगतिशील किसान दया दानू ने अपने अनुभव साझा करते बताया कि उन्होंने 42 महिलाओं को साथ में लेकर 50 नाली में कुटकी जड़ी बूटी का उत्पादन करना प्रारंभ किया था। जिसे विस्तार करते हुए वर्तमान में यह खेती पांच सौ नाली में हो रही है। न्याय पंचायत के नौ गांवों की 250 महिलाओं को इस खेती से जोड़ा गया है। पहले 4 से 5 लाख तक होने वाली आय को 27 लाख तक पहुंचाया गया है। जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने उनके प्रयासों की प्रशंसा की। इस दौरान प्रगतिशाील किसानों को सम्मानित भी किया गया।

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