बागेश्वर। पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने बागेश्वर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान सरकार पर आपदा प्रबंधन में लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि आपदा में मकान ध्वस्त होने पर मुआवजा राशि को बढ़ाकर 10 लाख और मानव हानि पर 25 लाख किया जाए।
पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने प्रेस वार्ता में कहा कि जिले में आपदा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, लेकिन सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है। उन्होंने मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग करते हुए आपदा प्रबंधन की स्थिति पर सवाल उठाए।
ऐठानी ने बताया कि जिले में आपदा का सिलसिला 1980 से चला आ रहा है और 2010 में सुमगढ़ की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था, जहां 18 स्कूली बच्चे मलबे में दब गए थे। इसके बावजूद, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल भवनों की सुरक्षा जांच अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि बागेश्वर जिला, जोन पांच में आता है और आपदा की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है, फिर भी स्कूल भवनों का चयन नहीं किया गया है। ऐठानी ने मांग की कि आपदा में मकान ध्वस्त होने पर मुआवजा राशि को 1.30 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाए और मानव हानि होने पर सरकार 25 लाख रुपये का मुआवजा दे।
उन्होंने विस्थापन की मांग करते हुए कहा कि कई गांव विस्थापन की राह देख रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। 2017 में रामगंगा में बहा पुल अभी तक नहीं बन सका है, और कर्मी में पशुपालन भवन, जिसका निर्माण एक करोड़ से अधिक रुपये में हुआ था, अब धंसने लगा है। ऐठानी ने बताया कि जिले में आपदा से 43 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है, लेकिन सरकार के आंकड़े और नई सड़कों के नुकसान के बीच विरोधाभास पाया जा रहा है।
सुमगढ़ की घटना को लेकर उन्होंने 18 अगस्त को उपवास पर बैठने का ऐलान किया है।