राज्यपाल गुरमीत सिंह ने आत्मा के स्वर पुस्तक के दूसरे खंड का किया विमोचन

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देहरादून। उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजभवन में ध्वजारोहण किया। राज्यपाल ने महान स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके त्याग, बलिदान, शौर्य और संघर्ष के कारण ही हमें आजादी मिली है। उन्होंने देश की सीमाओं पर तैनात वीर जवानों को नमन करते हुए कहा कि उनकी वजह से ही हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी का नया भारत अपार संभावनाओं और सामर्थ्य से भरा हुआ है और यह सतत विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास कर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। स्वतंत्रता के 100 वर्षों यानी 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य के लिए राज्यपाल ने सभी वर्गों का सहयोग जरूरी बताया और कहा कि आने वाले 23 वर्षों के अमृतकाल में इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करना होगा।

उत्तराखण्ड के विकास पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारा प्रदेश आज देश के तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है। आर्थिक वृद्धि दर और विकास के कई सूचकांकों में सुधार कर उत्तराखण्ड ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

राज्यपाल ने टेक्नोलॉजी, एआई, स्पेस, साइबर, क्वांटम और रोबोटिक्स साइंस में संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास करना होगा ताकि उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में शामिल हो सके। उन्होंने प्रदेश के विकास में महिलाओं के योगदान की सराहना की और संतुलित विकास के लिए युवाओं और महिलाओं की क्षमता कौशल वृद्धि पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस मौके पर राज्यपाल ने ‘‘आत्मा के स्वर’’ पुस्तक के खंड-2 का विमोचन भी किया। यह पुस्तक राज्यपाल के 108 प्रमुख संबोधनों का संकलन है।

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