केदार दत्त मिश्र की आत्मकथा ‘लता और वृक्ष का नाता’ का विमोचन हुआ

खबर शेयर करें -

बागेश्वर। आदर्श ज्ञानार्जन स्कूल गरुड़ में आयोजित साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन हुआ। साहित्यका केदार दत्त मिश्र की आत्मकथा ”लता और वृक्ष का नाता” का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि मुक्ता मिश्र, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पुस्तक का विमोचन किया।

केदार दत्त मिश्र ने अपनी आत्मकथा ‘लता और वृक्ष का नाता’ के माध्यम से अपनी जीवन यात्रा, संघर्ष, और उपलब्धियों को शब्दों में पिरोया है। उन्होंने पुस्तक लिखने की प्रेरणा और उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए एक शेर प्रस्तुत किया। ”हम खाक में मिलने पर भी नापैद न होंगे, दुनिया में न मिलेंगे तो किताबों में मिलेंगे।”

केदार दत्त मिश्र ने बताया कि ‘लता और वृक्ष का नाता’ पाठकों के लिए केवल एक आत्मकथा नहीं है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ और यात्रा के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करती है। पुस्तक में संकलित वृत्तांतों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया और उन्होंने लेखक की सृजनशीलता की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

गोष्ठी में कत्यूर के तुलसीदास कहे जाने वाले मोहन चंद्र जोशी ने भी अपने गद्य और काव्य संकलनों का विमोचन किया। डॉ. हेम चन्द्र दूबे (प्रोफेसर), डॉ. गजेन्द्र सिंह ‘बटोही’ (पब्लिशर) और कत्यूर घाटी के अन्य साहित्यकार भी साहित्यिक महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने अपने व्याख्यानों से कुमाऊँनी साहित्य को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान की।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Breaking News