जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में गुरुवार को बाल गणना की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। जिला सभागार में आयोजित बैठक में डीएम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि घर-घर बाल गणना के कार्यों को लेकर अनुभवी शिक्षकों को जिम्मेदारी दी जाए ताकि कोई भी बच्चा बाल गणना से ना छुटे। जिलाधिकारी ने कहा की बाल गणना का कार्य अति महत्वपूर्ण कार्य है,इससे पूरे जिले के बच्चों का डेटाबेस तैयार होता है। इसलिये इस कार्य में लापरवाही और शिथिलता कतई भी न बरती जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाल गणना होने से यह भी पता चल सकेगा कि कोई बच्चा स्कूल से किसी कारण से ड्राप आउट तो नही हुआ है। यदि ऐसे मामले उजागर होते है तो उसका तत्काल समाधान कर लिया जाए। इसके अतिरिक्त जिले में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने एवं मजबूती प्रदान करने के लिए आधुनिकता और टेक्नोलॉजी के बारे में भी चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के कार्यों पर बल दिया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सिंह सोन ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 25 अक्टूबर से बाल गणना का कार्य शुरू हो जाएगा। बाल गणना का कार्य के लिए गणनक घर-घर जाएंगे। यह कार्यक्रम 20 नवम्बर तक चलेगा।