बागेश्वर। आयुक्त एवं अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से प्राप्त निर्देशों के तहत शुक्रवार को “स्प्यूरियस एवं अधोमानक दवाइयों की रोकथाम” अभियान के अंतर्गत औषधि निरीक्षक बागेश्वर पूजा रानी ने केंद्रीय औषधि भंडार, जिला चिकित्सालय बागेश्वर का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक ने भंडार में उपलब्ध दवाओं के क्रय बिल, स्टॉक रजिस्टर, एवं भंडारण प्रणाली की बारीकी से जांच की। दवाओं को निर्धारित तापमान पर सुरक्षित रखने के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय औषधि भंडार से मिलने वाली दवाएँ गरीब व जरूरतमंद लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करती हैं, इसलिए उनका गुणवत्तापूर्ण होना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मानक गुणवत्ता वाली दवाएँ स्वास्थ्य सुरक्षा का आधार हैं। इनकी नियमित जांच से गरीब मरीजों को कम लागत में सही इलाज उपलब्ध हो पाता है और स्वास्थ्य प्रणाली पर विश्वास भी मजबूत होता है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि सरकारी एवं गैर–सरकारी सभी औषधि वितरण केंद्रों पर लगातार औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं। अभियान के तहत भंडार से छह दवाओं के नमूने लेकर उन्हें राज्य विश्लेषण शाला भेजा गया है। निरीक्षण के दौरान केंद्रीय औषधि भंडार के कर्मचारियों को दवाओं के उचित भंडारण, रिकॉर्ड संधारण और गुणवत्ता संदेह की स्थिति में तुरंत औषधि प्रशासन को सूचित करने के निर्देश दिए गए।
पूजा रानी ने कहा कि NSQ (Not of Standard Quality) और Spurious दवाओं की रोकथाम औषधि प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अधोमानक दवाएँ न केवल मरीजों के स्वास्थ्य को जोखिम में डालती हैं, बल्कि दवाओं के प्रति उनके भरोसे को भी कमजोर करती हैं। ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई जारी रहेगी। औषधि प्रशासन द्वारा जनपद में यह निगरानी कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
