जिलेभर में भूकंप मॉक ड्रिल का व्यापक अभ्यास — त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय क्षमता का सफल परीक्षण

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जिले में शनिवार को भूकंप एवं सहवर्ती आपदाओं से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए विभिन्न स्थानों पर व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। जिला प्रशासन, SDRF, पुलिस, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमों ने त्वरित प्रतिक्रिया, राहत-बचाव कार्य और अंतर-विभागीय समन्वय का प्रभावी प्रदर्शन किया।

सबसे पहले महर्षि विद्या मंदिर, बिलौना में सुबह 9:57 बजे 6.8 तीव्रता का सिमुलेशन किया गया। फायर, पुलिस और मेडिकल टीमों ने निर्धारित समय में पहुँचकर भवन की जाँच की, तीन बच्चों को सुरक्षित निकाला, दो को मामूली चोटें आईं और 11 बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। इसी प्रकार गरुड़ क्षेत्र के पुरड़ा एवं स्पोर्ट्स ग्राउंड गागरीगोल में भूस्खलन जैसी स्थिति बनाई गई, जिसमें सात लोग घायल हुए, जिनमें चार को रेफर किया गया तथा तीन का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ में जारी है।

तहसील कार्यालय कांडा में 10:13 बजे दो आवासीय भवनों में दरारें आने का सीन तैयार किया गया, जिसमें छह लोगों को सुरक्षित निकालकर प्राथमिक उपचार दिया गया। कपकोट विद्युत उपकेंद्र में 10:19 बजे शॉर्ट सर्किट की घटना का अभ्यास किया गया, जिसमें पाँच लोग घायल हुए और सभी का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट में किया गया। विद्युत लाइन में आई खराबी को 20 मिनट में ठीक कर आपूर्ति सामान्य कर दी गई।


जिला चिकित्सालय में 10:22 बजे भवन क्षतिग्रस्त होने व शॉर्ट सर्किट की स्थिति का अभ्यास किया गया, जिसमें छह लोग घायल हुए और तत्काल चिकित्सा शुरू की गई। घटना के दौरान 300 लोग मौजूद थे।
वहीं बागनाथ क्षेत्र में 10:28 बजे मलबे में दबने तथा एक व्यक्ति के सरयू नदी में गिरने का सिमुलेशन किया गया, जिसमें SDRF टीम ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए व्यक्ति को सुरक्षित निकाला। वहीं 06 घायलों को जिला चिकित्सालय ले जाया गया।इस घटना स्थल पर लगभग 150 लोग मौजूद थे।

जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे ने आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी घटनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल वास्तविक आपदा की स्थिति में विभागों की तैयारी, समयबद्ध कार्रवाई और समन्वय को मजबूत करने का प्रभावी माध्यम है। पुलिस, SDRF, स्वास्थ्य, फायर सर्विस और स्थानीय प्रशासन ने पेशेवर, त्वरित और प्रभावी कार्यप्रणाली का प्रदर्शन किया। अभ्यास के उपरांत डिब्रीफिंग सत्र में सभी घटनास्थलों से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा की गई। इसमें टीमों की तैनाती के समय, संचार व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन, उपकरण उपलब्धता और राहत-बचाव प्रक्रिया में आई चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा हुई।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी, अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल, आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित संबंधित अधिकारी, उपस्थित रहे।

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