देहरादून। आईएमडी ने उत्तराखंड में आगामी 30 सितंबर तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। आज शुक्रवार को पांच जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। संभावना है कि 30 सितंबर के बाद बारिश थमते ही मानसून वापस लौट जाएगा। उसके बाद राज्य में मौसम साफ रहेगा। इधर, बारिश से राज्य में जन-जीवन पटरी से उतर चुका है। सर्वाधिक परेशानी पहाड़ी जिलों में है। मानसून विदाई में देरी के साथ ही लोगों के लिए आफत भी बनता जा रहा है। भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पिछले 15 दिन से बंद चल रहा है। अल्मोड़ा-नैनीताल हाईवे भी क्वारब पुल के पास पहाड़ दरकने से आए दिन बंद हो रहा है। राज्य में पिछले तीन दिन से बारिश का दौर जारी है। इसी बीच आईएमडी ने आज यानी शुक्रवार को भी राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आईएमडी ने आज बागेश्वर जिले में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।साथ ही चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के मुताबिक इन जिलों में आज अति तीव्र दौर की बारिश की संभावना है। भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में पहाड़ दरकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।रात से हुई भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे खांकरा और नरकोटा के बीच सम्राट होटल के पास पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने के कारण बंद हो गया। हाईवे बंद होने की सूचना पर एनएच लोनिवि के साथ ही पुलिस एवं आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई। मगर पहाड़ी से लगातार पत्थर व बोल्डर गिरने के कारण जेसीबी मलबा नहीं हटा सकी। इधर, चीन सीमा को जोड़ने वाला टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच भी कई दिनों से बंद चल रहा है। चीन सीमा को जोड़ने वाली सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑलवेदर सड़क का आए दिन बंद होने से लोगों में आक्रोश का माहौल है। पिछले 15 दिन से सड़क बंद होने से बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि सामरिक सड़क बंद होना सरकार की नाकामी है। कहा कि तीन जिलों की लाइफलाइन यह सड़क आए दिन बंद होने से पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर की जनता परेशानी से जूझ रही है। सरकार को डेंजर जोनों का स्थायी ट्रीटमेंट करना चाहिए। भारी बारिश के दौर ने खेती किसानी के कामों को भी बहुत प्रभावित किया है। बारिश का दौर थमते ही सुहानी ठण्ड की शुरुआत हो जाएगी।