बागेश्वर। राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद केंद्र सरकार की सख़्ती के निर्देशों पर अब उत्तराखंड में भी औषधि निरीक्षण अभियान तेज़ हो गया है। इसी क्रम में बागेश्वर की औषधि निरीक्षक पूजा रानी ने मंगलवार को जिले के विभिन्न मेडिकल स्टोर्स, होलसेल और रिटेल प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने 10 कफ सिरप के नमूने एकत्र कर राजकीय औषधि विश्लेषणशाला को भेजे हैं। इनमें से तीन नमूने जिला चिकित्सालय स्थित केंद्रीय औषधि भंडार से और सात नमूने नगर क्षेत्र के मेडिकल स्टोर्स से लिए गए।
औषधि निरीक्षक पूजा रानी ने बताया कि यह अभियान भारत सरकार की एडवाइजरी के तहत चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सभी जनपदों से कफ सिरप की गुणवत्ता जांचने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि लैब रिपोर्ट में किसी दवा की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरती, तो संबंधित कंपनियों और विक्रेताओं के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पूजा रानी ने मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा बिना चिकित्सक की सलाह के नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कफ सिरप का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है, जबकि पाँच वर्ष से अधिक आयु के बच्चों में इसका प्रयोग केवल चिकित्सक की जांच के बाद, उचित खुराक और सीमित अवधि तक ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह निरीक्षण बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक कदम है। इस दौरान मेडिकल स्टोर्स और क्लीनिकों में मौजूद मरीजों व तीमारदारों को भी सलाह दी गई कि वे बिना चिकित्सक की सलाह के कोई भी दवा न लें।
इस औचक निरीक्षण अभियान के दौरान भूपेंद्र देव भी मौजूद रहे।

