मदद का इंतजार करते रहे गए आपदा पीड़ित, रेडक्रॉस बनी उम्मीद की किरण

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मदद को तरसे आपदा पीड़ित, रेडक्रॉस कपकोट बना उम्मीद की किरण, स्वयंसेवियों ने हटाया मलवा

बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र में बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की संवेदनहीनता और प्रशासनिक तंत्र की उदासीनता के बीच रेडक्रॉस सोसाइटी कपकोट के स्वयंसेवक आपदा प्रभावित परिवार की मदद के लिए आगे आए। मंगलवार को करीब चार बजे तक रेडक्रॉस की टीम ने स्वयंसेवी महेश गढ़िया, कमलेश गढ़िया, गोविंद कपकोटी, प्रेम दानू, मनीष कपकोटी तथा पड़ोसी गोकुल देवली, पीड़ित परिजन पवन कठायत एवं दिक्षु कठायत के साथ मिलकर पीड़ित परिवार के घर व आसपास के व्यापारिक प्रतिष्ठानों में घुसे मलबे को हटाने में श्रमदान किया।

आपदा पीड़ित पवन कठायत ने बताया कि बीते चार दिनों में उन्होंने कई बार प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बीआरओ से सहायता की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने भी मदद करने की जहमत नहीं उठाई। मलबे के चलते उनके घर में प्रवेश का रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है, और घर के सामने भी मलबे का अंबार लगा हुआ है.

ऐसे विकट समय में रेडक्रॉस के स्वयंसेवकों ने लगातार दूसरी बार पहुंचकर सफाई व मलबा हटाने का कार्य किया। जिससे परिवार को कुछ राहत मिल सकी। पवन कठायत और उनके परिजनों ने रेडक्रॉस टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब सरकारी मशीनरी ने निराश किया, तब रेड क्रॉस ने मानवता का परिचय दिया।

रेडक्रॉस सोसाइटी के स्वयंसेवकों ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में मानवता के नाते वे हर संभव प्रयास कर प्रत्येक पीड़ित तक सहायता पहुंचाएंगे.

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