जोशीमठ। फूलों की घाटी पर्यटकों को खूब भा रही है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अब तक दो गुना अधिक पर्यटक घाटी में पहुंच गए हैं।पिछले साल जून तक 959 पर्यटक पहुंचे थे, जबकि इस साल 2146 पर्यटक आ चुके है। वन विभाग को पिछले साल के मुकाबले इस बार अच्छी आमदनी हुई है।
फूलों की घाटी लगातार पर्यटकों की पहली पसंद बनती जा रही है। हर साल घाटी पर्यटकों के लिए एक जून को खोल दी जाती है। अक्तूबर में बंद कर दी जाती है। इस दौरान घाटी में 350 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं जो घाटी की सुंदरता में चार-चांद लगा देते हैं। यही
घाटी में वर्तमान में फ्रिटीलेरिया सिरोंसा (लहसुर जड़ी), एनीमोन पॉलीएंथेस, कैल्था (मार्श मैरीगोल्ड), पोटेंटिला (बज्रदंती), सेफलँधेरा लॉगीफोलिया (आर्किड), आइरिस कुमाओनेसिस, एलियम (फरण), पाइकोराइजा कुररोला (कुटकी), रोडोडेंड्रोन एंथोपोगोन (पीला बुरांश), रोडोडेंड्रोन कैम्पानुलैटम (सफेद बुरांश), रोडोडेंड्रोन लैपीडोटम (छोटा रानी बुरांश), थायमस लिनियरिस (वन अज्वाइन), प्रिमुला, लीलियम, अर्नेबिया बॅथमी (बाल छड़ी), जीरेनियम वॉलिचियानम (रतन जोत) सहित अन्य प्रजाति के फूल खिले हुए हैं।