उत्तराखंड। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने आगामी मानसून और चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) पर प्रशिक्षण आयोजित किया। इस प्रशिक्षण में विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों, और अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के प्रो. शेखर चतुर्वेदी ने वर्चुअली संबोधित करते हुए आईआरएस के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आईआरएस एक एकीकृत व्यवस्था है जो आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करने में मदद करती है। इस प्रणाली के माध्यम से विभिन्न संसाधनों को जुटाना और उन्हें मौके पर भेजकर राहत और बचाव कार्यों को फुलप्रूफ तरीके से अंजाम दिया जा सकता है।
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि आईआरएस उत्तराखंड और अन्य पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि यह क्षेत्राधिकार से संबंधित जटिलताओं और समस्याओं का समाधान करता है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में व्यवधान नहीं होता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक आईआरएस को नोटिफाई नहीं किया है, उन्हें इसे जल्द अपनाने की सलाह दी।
प्रशिक्षण में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) राजकुमार नेगी, अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला, एसईओसी के प्रभारी राहुल जुगरान, और यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मनीष भगत, डॉ. वेदिका पंत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, जेसिका टेरोन, तंद्रीला सरकार, हेमंत बिष्ट सहित जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी और विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी आदि मौजूद रहे।