बागेश्वर में रक्तदान से बची जान।

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“रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं”

बैजनाथ (उत्तराखंड)। 50 वर्षीय भगवत गिरी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका रक्त समूह B+ है और हाल ही में उनकी जांच में हिमोग्लोबिन केवल 3.7 पाया गया, जो जीवन के लिए बेहद खतरनाक स्तर है।

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इस नाजुक घड़ी में तीन नेकदिल युवाओं ने इंसानियत की मिसाल पेश की।
🩸 संजय कुमार
🩸 भीम कुमार
🩸 आदिल हुसैन

इन तीनों ने बिना देर किए रक्तदान किया और भगवत गिरी को नई जिंदगी की उम्मीद दी।

🙌 समाज में जागरूकता का संदेश

रक्तदान किसी की जिंदगी बचाने का सबसे आसान तरीका है।

हर स्वस्थ व्यक्ति 3-4 महीने में एक बार रक्तदान कर सकता है।

रक्तदान से स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता।

👏 लोगों की सराहना

स्थानीय नागरिकों ने कहा कि ऐसे युवाओं के कारण समाज जीवित और सुरक्षित है। जरूरत के समय रक्तदान कर उन्होंने यह साबित किया कि सच्चा धर्म और सबसे बड़ी सेवा मानव सेवा है।

भगवत गिरी का परिवार और पूरा इलाका इन रक्तदाताओं का आभारी है।

🔖 प्रेरक संदेश

👉 “रक्तदान, महादान — एक बूंद खून किसी की पूरी जिंदगी बचा सकता है।”
👉 जब भी मौका मिले, रक्तदान करें और समाज को जीवनदान दें।

✨ यह घटना केवल एक व्यक्ति की जान बचाने की कहानी नहीं, बल्कि पूरे समाज को जागरूक करने का आह्वान है।

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